कोल्हान में बीबी, बेटा और बहू, चार पूर्व सीएम की अग्नि परीक्षा ! पढ़िए खास रिपोर्ट
21 अक्टू. 2024
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उपेंद्र गुप्ता
रांची ( RANCHI) : कोल्हान प्रमंडल 14 में से 4 सीटों पर पूरे राज्य की ही नहीं देश भर के लोगों की नजरें अभी से ही टिकी है. घाटशिला, पोटका, जमशेदपुर पूर्वी, सरायकेला और जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र पर सबकी निगाहें रहेगी. इन सभी सीटों पर राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है. इन चारों पूर्व सीएम के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. ये वहीं चारों सीट है, जिसको लेकर भाजपा पर परिवारवाद का आरोप विपक्षी ही नहीं भाजपा के नेता-कार्यकर्ता ही लगा रहे हैं.
दो पूर्व सीएम की पत्नी मैदान में
राज्य के दो पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और मधू कोड़ा की पत्नी चुनाव मैदान में है. अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पोटका विधान सभा से चुनाव लड़ रही है. जबकि मधू कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा जगन्नाथपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रही है. मीरा मुंडा पहली बार सक्रिय राजनीति में उतरी है और चुनाव लड़ रही है, जबकि गीता कोड़ा दो बार जगन्नाथपुर से विधायक रह चुकी है और सिंहभूम से सांसद रह चुकी है. लेकिन दोनों के लिए इस बार राह उतना आसान भी नहीं है. पोटका के पूर्व विधायक मेनका सरदार का टिकट काट कर मीरा मुंडा को टिकट दिया है और मेनका पूरी तरह बागी तेवर में है. हालांकि उन्हें मनाने की कवायद जारी है. वहीं गीता कोडा इसी साल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई और लोकसभा चुनाव लड़ी और हार गई. उनका मुकाबला अपने ही रिश्तेदार और जगन्नाथपुर से कांग्रेस विधायक सोनाराम सिंकू से होगा, जिन्हें पिछली बार कोड़ा दंपति ने जिताने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी, इस बार वहीं प्रयास कांग्रेस विधायक सोनाराम सिंकू को हराने के लिए करना होगा.
बेटे के साथ खुद भी चुनावी मैदान में पूर्व सीएम
पूर्व सीएम चंपई सोरेन अपने बेटे बाबूलाल सोरेन के साथ चुनावी मैदान में है. इस बार चंपई सोरेन भाजपा के टिकट पर अपनी परंपरागत सीट सरायकेला से ही चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं उनका बेटा बाबूलाल सोरेन घाटशिला से भाजपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. चंपई सोरेन के लिए खुद और बेटे को जिताना बड़ी चुनौती है. खुद चंपई के लिए जितना बहुत मुश्किल तो नहीं होगा, लेकिन बेटे की राह उनकी तरह आसान नहीं है. बेटे को राज्य के मंत्री रामदास सोरेन से कड़ी टक्कर मिलेगी.
खुद राज्यपाल हैं तो बहू को उतार दिया मैदान में
राज्य के पूर्व सीएम और वर्तमान में उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास ने अपनी परंपरागत सीट जमशेदपुर पूर्वी से अपनी बहू पूर्णिमा दास को मैदान में उतारा है. पिछली बार सीएम रहते हुए सरयू राय से चुनाव हार गए थे. इस बार सरयी राय भले ही जदयू टिकट पर जमशेदपुर प0 से लड रहे हैं, लेकिन रघुवर दास के लिए बहू को जिताना आसान बिल्कुल नहीं है. जानकारों के मुताबिक कांग्रेस जमशेदपुर पूर्वी से डॉ अजय कुमार को मैदान में उतार सकती है. वहीं जमशेदपुर से कई भाजपा नेताओं को टिकट नहीं मिलने से असंतोष पनप रहा है. पूर्णिमा को टिकट मिलने से अभय सिंह, रामबाबू तिवारी,शिवशंकर सिंह, अमरजीत सिंह काले जैसे जमीनी पकड़ वाले नेता काफी मायूस हैं.
बहरहाल, जिस तरह इन चारों नेताओं के कारण भाजपा पर परिवारवाद का आरोप लगा है, इन चारों पूर्व सीएम के लिए यह चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. अपनी और पार्टी की प्रतिष्ठा बचाने के लिए हर हाल में चुनाव जितना ही होगा.