एटिपिकल एडवांटेज के संस्थापक विनीत सरायवाला को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया पुरस्कृत, चक्रधरपुर में जश्न President presents National Awards for the Empowerment of Persons with Disabilities
दिस. 3
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दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, विनीत की सफलता पर ननिहाल चक्रधरपुर के भगेरिया परिवार में जश्न का माहौल
चक्रधरपुर: जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) के जुगसलाई निवासी विनीत सरायवाला को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कार ग्रहण के लिए विनीत अपने पिता कैलाश सरायवाला और माता मीना सरायवाला के साथ पहुंचे थे। इसके अलावा इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने के लिए विनीत के बड़े मामा सुशील भगेरिया और ममेरे भाई सृजन भगेरिया भी उपस्थित रहे।
गौरतलब हो कि विनीत का ननिहाल चक्रधरपुर (CHAKRADHARPUR) में है। यहां के प्रख्यात समाजसेवी बिनोद भगेरिया और मनोज भगेरिया विनीत के मामा है। विनीत की इस सफलता पर ननिहाल में भगेरिया परिवार में जश्न सा माहौल है। सभी लोग स्वयं को गौरान्वित महसूस कर रहे है। विनीत सरायवाला दिव्यांग व्यक्तियों के लिए काम करने वाले देश के सबसे बड़े आजीविका मंच ‘एटिपिकल एडवांटेज’ (https://atypicaladvantage.in/) के संस्थापक हैं।
President Droupadi Murmu presents National Awards for the Empowerment of Persons with Disabilities
यह मंच दिव्यांगों के लिए एक ऐसा अवसर प्रदान करता है, जहां वे अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन कर सकते हैं और विभिन्न कंपनियों और एजेंसियों से जुड़ सकते हैं। उनके इस योगदान के कारण ही उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया। गौरतलब है कि ‘एटिपिकल एडवांटेज’ को दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान (एनजीओ) श्रेणी में यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
विनीत का अनुभव और एटिपिकल एडवांटेज की शुरुआत
विनीत सरायवाला भारतीय प्रबंधन संस्थान बैंगलोर के पूर्व छात्र हैं और वे रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा नामक बीमारी से ग्रस्त थे, जिससे उनकी दृष्टि धीरे-धीरे चली गई। इस व्यक्तिगत अनुभव ने उन्हें एटिपिकल एडवांटेज शुरू करने के लिए प्रेरित किया। पिछले साल विनीत शार्क टैंक के सीजन-2 में भी नजर आए थे, जहां उन्होंने अपनी यात्रा, एटिपिकल एडवांटेज की शुरुआत और दृष्टिकोण की अहमियत के बारे में बात की थी। शो अपनी 2 मिनट से भी कम की अपनी स्पीच में विनीत ने अपनी आइआइएम यात्रा के बारे में बताया था, उन्होंने यह भी बताया था कि एटिपिकल एडवांटेज क्यों शुरू किया, उन्होंने अब तक जो प्रभाव पैदा किया है, उसके बारे में बताया कि नजरिया किसी के भी नजर (आंखों की रोशनी) से अधिक महत्वपूर्ण क्यों है। शार्क टैंक में उनकी उपस्थिति के दौरान उन्हें जजों द्वारा 3 फीसदी इक्विटी के बदले 30 लाख रुपये का प्रस्ताव मिला था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। इस शो के दौरान उन्हें देशभर से जबरदस्त समर्थन मिला।
दिव्यांगता को अभिशाप समझने वालों लिए प्रेरणास्त्रोत बने विनीत
आज भी हमारे समाज में दिव्यांगता को अक्सर अभिशाप के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह स्थिति अब बदल रही है। देश और विदेश में दिव्यांग लोग हमारे गौरव का कारण बन रहे हैं. इस बदलाव के पीछे सिर्फ उनकी कठिन मेहनत नहीं, बल्कि उनके साहस और हौसले को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले प्रेरणास्त्रोत भी हैं। विनीत सरायवाला ऐसे ही प्रेरणास्त्रोतों में से एक हैं। यही वजह है कि उन्हें दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। यह न केवल जमशेदपुर, बल्कि पूरे झारखंड के लिए भी गर्व का क्षण है।
दिव्यांगों के लिए प्लेटफार्म "एटिपिकल एडवांटेज"
‘एटिपिकल एडवांटेज’ एक पंजीकृत कंपनी एटिपिकल प्लेटफॉर्म प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित एक ब्रांड है। यह दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक मंच है, जहां वे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकते हैं और दुनिया भर के कॉर्पोरेट्स, व्यक्तियों, तथा एजेंसियों से जुड़ने के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। विनीत सरायवाला को राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार सहित कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनका कहना है कि एटिपिकल एडवांटेज केवल एक नियुक्ति मंच नहीं है, बल्कि यह जीवन को बदलने और एक अधिक समावेशी समाज की ओर कदम बढ़ाने के लिए एक उत्प्रेरक है।
विनीत सरायवाला का योगदान न केवल दिव्यांगों के जीवन को बेहतर बना रहा है, बल्कि समावेशी समाज की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। उनकी प्रेरणा से हम सब यह समझ सकते हैं कि दृष्टिकोण, प्रयास और साहस से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।