कुछ घंटों में खत्म हो जाएगा इंतजार की घड़ी, लाखों मैयां की नजरें अपने बैंक खाते पर
10 दिस. 2024
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TVT NEWS DESK
रांची ( RANCHI) : झारखंड की लाखों मैयां का इंतजार बस कुछ ही घंटे बाद समाप्त होने वाला है, जब उनके बैंक खाता में पहली बार मैयां सम्मान योजना की पांचवीं किस्त के रूप में 2500 रू0 आएगा. विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले हेमंत सोरेन की सरकार ने दिसंबर से 2500 रू0 देने की घोषणा की थी, जिसका समय आ चुका है, इसलिए लाखों मैयां की नजरें अपने-अपने बैंक खाते पर टिकी है.
50 लाख से अधिक महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
जेल से बाहर निकलने के बाद हेमंत सोरेन ने दुबारा सीएम बनने के बाद सबसे पहले राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए मैयां सम्मान योजना की शुरूआत की, जिसके तहत राज्य की 18 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को 1000 रू0 दिया जाने लगा, इस योजना के तहत राज्य की 50 लाख से अधिक महिलाओं ने फॉर्म भरा और उन्हें इसका लाभ मिला. चुनाव से पहले इन महिलाओं के खाते में 1000रू0 भेजे गए.
गोगो दीदी योजना के कारण बढ़ी मैयां योजना की राशि
हेमंत सरकार की मैयां सम्मान योजना की काट के लिए भाजपा ने गोगो दीदी योजना की घोषणा की, जिसके तहत भाजपा की सरकार बनने पर राज्य की महिलाओं को 2100 रू0 देने का भाजपा ने वादा किया. लेकिन चुनाव से ठीक पहले हेमंत सरकार ने भाजपा की गोगो दीदी को काटने के लिए मैयां सम्मान की राशि 1000रू से बढ़ा कर 2500रू0 देने की घोषणा कर दी.
थोक भाव में महिलाओं ने इंडी गठबंधन को दिया वोट
मैयां सम्मान की राशि बढ़ने की घोषणा से हेमंत सरकार और इंडी गठबंधन को भरपूर लाभ मिला, चुनाव में थोक के भाव में राज्य की महिलाओं ने हेमंत सरकार को वोट दिया. आंकड़े के मुताबिक राज्य की करीब 91 लाख महिलाओं ने मतदान किया, जो पुरूषों से अधिक है. महिलाओं के इस भारी समर्थन के कारण ही हेमंत लगातार रिकॉर्ड चौथी बार सीएम बनने में सफल हुए.
योजना की राशि जुटाना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती
पहले चार किस्तों ने राज्य की जिन महिलाओं को मैयां सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा था, वैसी महिलाओं ने भी जमकर इंडी गठबंधन के पक्ष में मतदान किया. उन्हें पूरी उम्मीद है कि हेमंत सरकार उन्हें भी मैयां योजना का लाभ देगी, इसलिए अब भी रजिस्ट्रेशन का कार्य जारी है. एक आंकड़ें के मुताबिक अभी करीब 50 लाख महिलाओं को योजना का लाभ मिल रहा है, यदि सरकार वंचित महिलाओं का शामिल कर लेती है तो लाभुकों की संख्या कम से कम 15-20 लाख और बढ़ सकती है. इससे सरकार के करोड़ों का नहीं अरबों रूपए का बोझ बढ़ सकता है. सिर्फ मैयां योजना की राशि ही हर माह जुटाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी.