टोकलो में दिव्यांग मतदाता की थाना प्रभारी ने की पिटाई, पिटाई के बाद दिव्यांग मतदाता ईलाज कराने पहुंचा अनुमंडल अस्पताल
13 नव. 2024
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चक्रधरपुर के टोकलो में एक दिव्यांग मतदाता की पुलिस के द्वारा पिटाई का मामला सामने आया है. पीड़ित दिव्यांग मतदाता बिस्केसन गागराई का कहना है की वह अपने मतदान केंद्र में मतदान करने पहुंचा था. जहाँ किसी बात को लेकर टोकलो थाना प्रभारी परमेश्वर उराँव ने उसकी पिटाई कर दी. इस घटना के बाद भाजपा प्रत्याशी शशिभूषण सामड मौके पर पहुंचे और पीड़ित दिव्यांग को अपने साथ चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल लेकर आये. जहाँ उसका प्राथमिक उपचार किया गया.
इस घटना से भाजपा प्रत्याशी शशिभूषण सामड काफी नाराज हैं. उन्होंने कहा की किसी मतदाता के साथ पुलिस प्रशासन कैसे मारपीट कर सकता है. पुलिस प्रशासन को मतदाताओं को मतदान के दौरान सहयोग करना चाहिए, ना की किसी की पिटाई कर चुनावी माहौल को खराब करना चाहिए और लोगों में अपनी दबंगता का दहशत पैदा करना चाहिए. लोकतंत्र के महापर्व में पुलिस की इस हरकत को बिलकुल भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है.
इधर पीड़ित दिव्यांग मतदाता बिस्केसन गागराई का कहना है की वह एक पढ़ा लिखा युवक है. भाजपा का भी वह सदस्य है. जब वह मतदान करने के लिए केंद्र पहुंचा तो उसे वहां मौजूद एक अधिकारी ने रजिस्टर में अंगूठा लगाने को कहा तो उसने हस्ताक्षर करने की बात कही. जब उसे अंगूठा लगाने के लिए दबाव डाला जाने लगा तो उसने इसका विरोध किया. इसी दौरान टोकलो थाना प्रभारी मतदान केंद्र के अन्दर घुसे और दिव्यांग मतदाता बिस्केसन गागराई को घसीट कर मतदान केंद्र से बाहर निकाला और दनादन थप्पड़ जड़ कर पिटाई कर दी. इस घटना से पीड़ित बिस्केसन गागराई काफी आहत है.
जहाँ एक तरफ चुनाव आयोग के निर्देश पर वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन लोगों को ज्यादा से ज्यादा वोट करने की अपील कर रहे हैं. वहीँ ऐसी भी तस्वीर आ रही है जहाँ दिव्यांग जैसे मतदाताओं की पुलिस मतदान केंद्र में ही पिटाई कर मतदाताओं में खौफ पैदा कर रहे हैं. मामले को लेकर बिस्केसन गागराई ने वरीय पुलिस पदाधिकारियों को थाना प्रभारी परमेश्वर उराँव की शिकायत करने की बात कही है. बताया जाता है की टोकलो थाना प्रभारी आम नागरिकों के साथ अभद्र व्यवहार करते रहते हैं. आरोप है की उन्होंने इससे पहले भी आम लोगों की पिटाई कर पुलिस की दबंग छवि को टोकलो थाना क्षेत्र में पैदा करने की कोशिश की है. स्थानीय लोग अब थाना प्रभारी परमेश्वर उराँव पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि पुलिस और जनता के बीच सम्बन्ध ख़राब ना हो और पुलिस पर जनता का विश्वास बना रहे.
इधर आरोपी थाना प्रभारी परमेश्वर उराँव का कहना है की उन्होंने दिव्यांग मतदाता के साथ किसी तरह की कोई मारपीट नहीं की है. थाना प्रभारी का कहना है की दिव्यांग मतदाता बिस्केसन गागराई मतदान केंद्र के अन्दर हंगामा मचा रहे थे इसलिए उन्हें मतदान करेन्द्र से बाहर निकाला गया था. मारपीट का आरोप गलत और निराधार है.