आदिवासी युवकों पर आरपीएफ की अमानवीय क्रूरता, तीन दिन तक थाना में रखकर गुप्तांग में की पिटाई, अस्पताल में भर्ती (RPF's inhuman cruelty on tribal youth)
5 अक्टू. 2024
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चक्रधरपुर रेल मंडल में आरपीएफ का क्रूर और अमानवीय चेहरा सामने (RPF's inhuman cruelty on tribal youth) आया है. आरपीएफ ने दो आदिवासी युवकों के गुप्तांग में तीन दिनों तक इतनी पिटाई की है की दोनों युवकों को ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है. मामला चक्रधरपुर रेल मंडल के ओडिशा में स्थित बीमलगढ आरपीएफ थाना क्षेत्र का है. यहाँ पाटासाही रेलवे स्टेशन पर दो महीने पहले रेलवे इंजन से 600 लीटर डीजल तेल चोरी के मामले पर बीमलगढ़ आरपीएफ का नया करतूत सामने आया है। इस चोरी के मामले पर बीमलगढ़ आरपीएफ ने दुम्बी इचागुटु और छोटेलाल इचागुटु नामक दो आदिवासी युवक को चोरी के आरोप में हिरासत में लेकर उन्हें थर्ड डिग्री प्रहार कर घायल करने का मामला सामने आया है।
आरपीएफ हिरासत में जिन दो युवकों की पिटाई हुई है वे रिश्ते में सगे भाई हैं। आरपीएफ के थर्ड डिग्री का शिकार हुए दोनो भाई सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा प्रखंड पन्ना पंचायत के जाहीकुदर गांव के निवासी हैं। आरपीएफ ने दोनों भाइयों को उस समय उठा लिया, जब वे अपने परिवार के साथ रात में घर पर सो रहे थे। जिसके बाद आरपीएफ ने इन दोनो भाईयो को आरपीएफ थाना ले जाकर हैवानियत की हद पार कर दी। आरपीएफ ने दोनो भाईयो को बांस के डंडे से उनके गुप्तागों में बेरहमी से ताबड़तोड़ पिटाई करने के बाद उनके पैरो पर गर्म पानी डाल देने की भो बात भी सामने आई है। जिसके बाद आरपीएफ ने इन दोनों भाइयों को बिजली के झटके देने का असहनीय दर्द भी दिया है।
आरपीएफ के हैवानियत के शिकार हुए दोनों भाइ लगातार आरपीएफ से कहते रहे कि उन्होंने डीजल तेल की चोरी नहीं की है। लेकिन इसके बावजूद आरपीएफ रुकी नहीं और लगातार तीन दिनों तक आरपीएफ थाना में रखकर पिटाई करने के बाद आरपीएफ ने दोनों भाइयों को तीन तारीख की शाम को छोड़ दिया। घर पहुंचने के बाद दोनों भाई न्याय के लिए चार अक्टूबर को अपने परिवार के साथ केबलांग थाना पहुंचे और थाना प्रभारी को सारी घटना बताई। जिसके बाद केबलांग पुलिस दोनों भाइयों को इलाज के लिए केबलांग सरकारी स्वास्थ्य केंद्र को लेकर गए। जंहा मौजूद डॉक्टरों ने बताया कि दोनों भाइयों को गहरी चोट लगी है और दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया।
आरपीएफ द्वारा किए गए इस हरकत का आदिवासी संप्रदाय के लोगों ने घोर निन्दा करते हुए जल्द ही दोषी आरपीएफ कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है की जिस आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले में जुएल ओराम लगातार चार बार आदिवासी कल्याण मंत्री रह चुके हैं, साथ ही जिस राज्य में मुख्यमंत्री खुद आदिवासी है उस राज्य में आरपीएफ द्वारा आदिवासियों पर दरिंदगी का ये मंजर पूरे राज्य के आदिवासियों को चौंका दिया है।