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बिना निष्पक्ष जांच के SSC-CGL परिणाम जारी करना छात्रों के साथ क्रूर मजाक: अजय साह

5 दिस. 2024

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"छात्र आंदोलन को भाजपा का समर्थन, सदन में उठाएगी मुद्दा”

TVT NEWS DESK

रांची ( RANCHI): झारखंड सरकार द्वारा हाल ही में जारी SSC-CGL परीक्षा परिणाम को लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने इसे छात्रों के भविष्य के साथ “क्रूर मजाक” करार दिया है और कहा कि यह हेमंत सोरेन सरकार की उदासीनता और अहंकार को दर्शाता है.


बिना जाँच के परिणाम जारी करना सरकार की लापरवाही

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “हमने उम्मीद की थी कि भारी जनादेश के साथ यह सरकार छात्रों और युवाओं के प्रति अधिक संवेदनशीलता दिखाएगी. लेकिन इसके बजाय, सरकार का रवैया अहंकारी और गैर-जिम्मेदाराना होता जा रहा है. सरकार ने निष्पक्ष जांच का वादा किया था, लेकिन बिना किसी उचित प्रक्रिया और जांच के परिणाम जारी करना इस सरकार की लापरवाही का परिचायक है.


श्री साह ने सोशल मीडिया पर वायरल एक संदेश का जिक्र करते हुए कहा, “परिणाम से पहले एक वायरल संदेश में दो विशेष रोल नंबर का उल्लेख था, और परिणामों में वही रोल नंबर दिखाई दिए हैं. भाजपा इस संदेश की सत्यता की पुष्टि नहीं करती, लेकिन जब लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल है, तो इस संदेश समेत सभी संबंधित तथ्यों की गंभीरता से जांच होनी चाहिए.


छात्रों के अधिकारों का हो रहा हनन

श्री साह ने सरकार की संवैधानिक प्रक्रिया के उल्लंघन की ओर इशारा करते हुए कहा, “जब कई छात्रों द्वारा यह मामला न्यायालय में ले जाया गया है, तो न्यायालय के निर्णय का इंतजार किए बिना परिणाम जारी करना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि छात्रों के अधिकारों का हनन भी है. इसके अलावा, यह भी स्पष्ट है कि परिणाम ऐसे समय में जारी किया गया जब चुने हुए प्रतिनिधि मंत्रिमंडल विस्तार में व्यस्त थे. यह दर्शाता है कि वर्तमान सरकार पर अफसरशाही का दबदबा है, जो मंत्रिमंडल के विस्तार का भी इंतजार नहीं कर सकी.


सदन में भाजपा उठाएगी मुद्दे को

भाजपा ने छात्रों के आक्रोश के प्रति अपना समर्थन जताते हुए कहा कि पार्टी इस मुद्दे को सदन में उठाएगी. श्री साह ने कहा, “भाजपा पूरी तरह से छात्रों के साथ खड़ी है. जब तक छात्रों के साथ न्याय नहीं होता, हम उनके आंदोलन का समर्थन करते रहेंगे. इतिहास गवाह है कि जब भी छात्र किसी सरकार के खिलाफ खड़े हुए हैं, उस सरकार को सत्ता से हटने पर मजबूर होना पड़ा है.

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