चक्रधरपुर में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई से पूजा कमिटियों का फूटा गुस्सा, जमकर हुआ बवाल
14 अक्टू. 2024
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रविवार को संपन्न नहीं हुआ सभी प्रतिमाओं का विसर्जन, सोमवार शाम को भी निकलेगा विसर्जन जुलुस
चक्रधरपुर में रविवार को माँ दुर्गा के प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर जमकर बवाल हुआ. चक्रधरपुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रतिमाओं का विसर्जन एक दिन में संपन्न नहीं हो सका. पहले दिन कुछ ही प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया जबकि बाकी के प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार शाम को होने की उम्मीद की जा रही है.
दरअसल रविवार को चक्रधरपुर के तमाम दुर्गा पूजा कमिटी पुलिस की कार्रवाई से नाराज थे. पुलिस के द्वारा एक पूजा कमिटी के साउंड सिस्टम के वाहन को पकड़ लिया गया था और उसे चक्रधरपुर थाना में रखा गया था. सरकारी आदेश और कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए पुलिस ने साउंड सिस्टम को पकड़ा था. पूजा कमिटी के द्वारा लगातार प्रशासन से साउंड सिस्टम के वाहन को छोड़ने की मांग की जा रही थी.
लेकिन पुलिस के द्वारा 6 बजे तक इसपर कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया गया था. जिससे तमाम दुर्गा पूजा कमिटी में असंतोष का माहौल बन गया. सभी पूजा कमिटी चक्रधरपुर के पवन चौक में जमा हुए और चक्रधरपुर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. इधर गुस्से में आये लोगों की व्यापक भीड़ को देखते हुए पुलिस बल की भी भारी तादाद में तैनाती चक्रधरपुर के पवन चौक में कर दी गयी थी.
पूजा कमिटी की मांग थी की उनके साउंड सिस्टम के वाहन को छोड़ दिया जाए ताकि वे अपना विसर्जन जुलुस निकाल पायें. साथ ही साथ उस पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाए जिसने विसर्जन जुलुस के साउंड सिस्टम को जब्त किया है. प्रशासन द्वारा जल्द फैसला नहीं लिए जाने से चक्रधरपुर के पवन चौक में देखते ही देखते हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गयी. और सभी प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे. इधर प्रतिमाओं के विसर्जन का समय भी निकलता जा रहा था. मंच पर मौजूद एसडीओ श्रुति राजलक्ष्मी और एसडीपीओ लालिन कुमार मरांडी को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा.
लोगों का प्रशासन के खिलाफ बढ़ता आक्रोश को देखते हुए एसडीओ के आदेश पर साउंड सिस्टम के वाहन को चक्रधरपुर थाना से पुलिस ने छोड़ दिया. इधर चाईबासा से एसपी अभियान पारस राणा भी चक्रधरपुर पहुंचे और चक्रधरपुर में बिगड़ते माहौल को सँभालने की कोशिश की. पुलिस द्वारा पकडे गए साउंड सिस्टम के वाहन को पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया और पूजा कमिटी को सौंप दिया गया. पारस राणा के प्रयास के कारण लोग विसर्जन जुलुस निकालने के लिए राजी हुए. रात आठ बजे के बाद विसर्जन जुलुस निकाले जाने पर सहमती बनी. लेकिन चक्रधरपुर के दुर्गा पूजा केंद्रीय कमिटी ने प्रशासन से चक्रधरपुर के थाना प्रभारी राजीव रंजन का 24 घंटे के अन्दर तबादले की मांग कर दी थी.
रात 9 बजे आदि पूजा कमिटी के द्वारा पारम्परिक रूप से मशाल जुलुस के साथ माँ दुर्गे की प्रतिमा को कंधे पर उठाकर विसर्जित करने के लिए पहला जुलुस निकला. इस जुलुस को नदी घाट पहुँचने में रात के ढाई बज गए. रात के ढाई बजे पहला विसर्जन हुआ. वहीँ कई पूजा कमिटी बवाल और प्रदर्शन के कारण समय पर तैयारी नहीं कर पाए, जिसके कारण विसर्जन जुलुस नहीं निकल पाया. कुछ पूजा कमिटी के विसर्जन जुलुस निकले भी तो वह रातभर में नदी घाट तक नहीं पहुँच पायी थी. प्रतिमाओं के विसर्जन में सारा सिस्टम ध्वस्त नजर आया.
पुलिस और प्रशासन रविवार को सभी 22 पूजा पंडालों का विसर्जन करवाने में नाकाम रही. सोमवार को बाकी बचे प्रतिमाओं का विसर्जन किये जाने की उम्मीद है. लेकिन जिस तरह से पुलिस और प्रशासन के खिलाफ पूजा कमिटी का गुस्सा भड़का है उससे साफ़ है की पूजा कमिटी प्रशासन से बेहद नाराज चल रहे हैं. सोमवार को विसर्जन जुलुस शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो यह एक बड़ी चुनौती प्रशासन के लिए बन गयी है.