बंगाल की तर्ज पर झामुमो भी पुराने नेताओं की करा सकती है घर वापसी , सीता सोरेन और चंपई सोरेन पर विशेष नजर
30 नव. 2024
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TVT NEWS DESK
रांची ( RANCHI) : बंगाल के सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की तरह झारखंड में भी झामुमो भी अपने नेताओं की घर वापसी कराने पर विचार करा रही है. चुनाव से पूर्व जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ कर दूसरे पार्टी में शामिल हुए थे, उनके लिए फिर से झामुमो दिल से स्वागत करने का मन बना लिया है. गौरतलब है कि बंगाल में भी चुनाव से बड़ी संख्या में पार्टी के नेता टीएमसी छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन भाजपा की हार के बाद टीएमसी ने एक-एक कर सभी नेताओं की घर वापसी करा कर पार्टी को और भी मजबूत किया, टीएमसी की इसी नीति को झामुमो भी राज्य में दोहराना चाहती है.
घर की बहू सीता और चंपई जैसे कई बड़े नेताओं ने छोड़ी पार्टी
विधानसभा चुनाव से पूर्व झामुमो को एक-एक कर कई नेताओं ने पार्टी को बाई-बाई कर भाजपा में शामिल हो गए, लोकसभा चुनाव से पहले सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो गई और लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गई, सके बाद विधानसभा चुनाव भी हार गई. इसी तरह कोल्हान में पार्टी के सबसे बड़े नेता पूर्व सीएम चंपई सोरेन भी झामुमो छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन भाजपा ने जितनी उम्मीद चंपई से की थी, उसके मुताबिक उनका प्रदर्शन नहीं रहा, यहां तक कि घाटशिला से अपने बेटे बाबूलाल सोरेन को नहीं जीता पाए. इधर चुनाव में ना तो हेमंत सोरेन ने उऩपर निजी हमला किया और ना ही चंपई ने हेमंत पर किसी तरह का हमला किया. अब झामुमो की तरफ उनके लिए खुला ऑफर दिया गया है.
लोबिन और दिनेश ने भी पार्टी से की बगावत
संताल परगना में बोरिया से झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम पार्टी से लगातार नाराज चल रहे थे और लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े, जिसके कारण पार्टी से निष्कासन झेलना पड़ा, विधानसभा चुनाव में भी लोबिन हेम्ब्रम को हार का सामना करना पड़ा. अब उऩ पर भी झामुमो की नजर है, लेकिन लोबिन ने घर वापसी को लेकर साफ इंकार कर दिया है. इसी तरह लिट्टीपाड़ा के विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने भी टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी लेकिन चुनाव नहीं जीत सकें.
हेमलाल और साइमन की हो चुकी है वापसी
झामुमो पहले भी पार्टी छोड़ कर गए नेताओं का घर वापसी करा चुकी है. जिसमें हाल ही में हेमलाल मुर्मू का नाम सबसे पहले आता है. हेमलाल भी भाजपा में शामिल हुए थे, भाजपा ने उन्हें काफी तव्वजों भी दिया, अलग-अलग कई जगहों से चुनाव लड़ाया भी, लेकिन जीत नहीं सकें, अंत में हेमलाल फिर से झामुमो में शामिल हुए और दिनेश मरांडी का टिकट काट कर हेमंत सोरेन ने लिट्टीपाड़ा से मैदान में उतारा और हेमलाल जीत भी गए, इसी तरह साइमन मरांडी के साथ भी हुआ है.
पुराने नेताओं के घर वापसी से मजबूत होगा झामुमो
बंगाल में बड़ी जीत के बावजूद टीएमसी ने नेताओं की घर वापसी कराई थी, जिससे पार्टी बंगाल में पार्टी और मजबूत हुई, इसी तर्ज पर झामुमो का भी मानना है कि पुराने नेताओं की घर वापसी करा कर सांगठनिक रूप से पार्टी को और भी मजबूत करने के लिए नेताओं की घर वापसी जरूरी है. इसलिए झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इन नेताओं को दल में दिल से स्वागत करने की खुला आह्वान किया है.
अब सवाल है कि ऐसे कितने नेता घर वापसी के लिए तैयार हैं, यह अभी कहना मुश्किल है.