फ्लैश बैक : पति की हत्या के बाद पहली बार 1995 में विधायक बनीं थीं जोबा माझी, झारखंड पीपुल्स पार्टी ने दिया था टिकट
18 अक्टू. 2024
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फ्लैश बैक : मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र | सीरीज-1
तारिक अनवर
गोईलकेरा: 14 अक्टूबर 1994। शुक्रवार का दिन। उस दिन विजयादशमी भी थी। लोग त्यौहार के उल्लास में डूबे थे। प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारी चल रही थी। तभी दोपहर के वक़्त भीड़ भरे गोइलकेरा के हाट बाजार में एक बम धमाके से भगदड़ मच गई। अपराधियों ने जल, जंगल व जमीन आंदोलन के अगुवा पूर्व विधायक देवेंद्र माझी की बम मारकर निर्मम हत्या कर दी थी। इस घटना से सारंडा, कोल्हान व पोड़ाहाट के इलाकों में उनके सैकड़ों अनुयायियों को गहरा आघात लगा था। इतिहास में दर्ज इस काले दिन के बाद सिंहभूम की राजनीति में एक सामान्य गृहिणी, खेती-किसानी करने वाली एक बेहद शालीन महिला का पदार्पण हुआ।
ये थीं वर्तमान में सिंहभूम की सांसद जोबा माझी। पति की हत्या के बाद न चाहते हुए भी राजनीति में कदम रखने वाली यह महिला त्याग, समर्पण और सेवा की अद्भुत मिसाल बन गईं। अविभाजित बिहार में 1995 में हुए विधानसभा चुनाव में जोबा माझी पहली बार विधायक बनीं। उन्हें झारखंड पीपुल्स पार्टी यानि जेपीपी ने टिकट दिया था। चुनाव में 18 उम्मीदवार मैदान में थे।
इनमें 16 पुरुष उम्मीदवार थे। जोबा माझी के अलावा कुनी सोय दूसरी महिला प्रत्याशी थीं। जोबा माझी ने चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी गुरुचरण नायक को 5691 वोटों से पराजित किया था। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव 2019 में भी गुरुचरण नायक ही जोबा माझी के निकटतम और मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे। गुरुचरण अभी भाजपा में हैं। जबकि जोबा माझी मौजूदा वक्त में झारखंड मुक्ति मोर्चा की कद्दावर और सीनियर लीडर में से एक हैं।
जोबा को मिले थे 29 फीसदी वोट
1995 में मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,27,989 मतदाता थे। कुल वैध मतों की संख्या 71,030 थी। झारखंड पीपुल्स पार्टी की उम्मीदवार जोबा माझी इस सीट से जीतकर विधायक बनीं। उन्हें कुल 20,219 वोट मिले। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार गुरु चरण नायक कुल 14,528 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। वे 5691 वोटों से हार गए। जोबा को करीब 29 फीसदी वोट मिले थे। वहीं गुरुचरण नायक ने 21 प्रतिशत मत हासिल किया था।
जेपीपी और आजसू की राह हुई अलग
झारखंड पीपुल्स पार्टी को 30 दिसंबर 1991 को डॉ. राम दयाल मुंडा के नेतृत्व में रांची में एक सम्मेलन में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) द्वारा लॉन्च किया गया था। आजसू की स्थापना 22 जून 1986 को हुई थी। पार्टी का 1994 में पुनर्गठन किया गया था, जिसमें राम दयाल मुंडा अध्यक्ष और सूर्य सिंह बेसरा महासचिव थे। बाद में पार्टी का विभाजन हुआ और सूर्य सिंह बेसरा के नेतृत्व वाले गुट ने झारखंड पीपुल्स पार्टी का नाम बरकरार रखा। सुदेश महतो के नेतृत्व वाले गुट ने मूल संगठन -ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के नाम से पार्टी को आगे बढ़ाया।