बागियों के तीर से ही कोल्हान में “घायल” हुई झामुमो, किस सीट पर अपनों से ही मिल रही चुनौती, जानिए इस खास रिपोर्ट में
27 अक्टू. 2024
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उपेंद्र गुप्ता
रांची (RANCHI): चुनाव से पहले कोल्हान के प0 सिंहभूम जिला के पांचों सीट पर झामुमो का पलड़ा भारी दिख रहा था, लेकिन नामांकन पर्चा भरने के बाद जिस तरह झामुमो के बागियों ने अपने तेवर दिखाएं हैं, उससे कोल्हान में बाजी पलटने लगी है, भाजपा से अधिक झामुमो में ही बगावत इतनी तेज हो चुकी है, इसे रोक पाना झामुमो के बस में नहीं दिख रहा है. जिले के जगन्नाथपुर और चक्रधरपुर विधानसभा में लक्ष्मी सुरेन और विजय सिंह गागराई ने झामुमो खेमे में खलबली मचा दी है. तो मझगांव में मानकी-मुंडा और कार्यकर्ताओं की नाराजगी भारी पड़ रही है.
जगन्नाथपुर में लक्ष्मी सुरेन ने विधायक के खिलाफ खोला मोर्चा
जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन ने अंतिम दिन नामांकन पर्चा दाखिल कर अपने मंसूबे सभी को बता दिया कि वे रूकने वाली नहीं है. जबकि लक्ष्मी सुरेन को नामांकन से रोकने के लिए कई धमकी और चेतावनी मिली कि उन्हें जिप अध्यक्ष पद से हटा दिया जाएगा. लेकिन धमकी और चेतावनी का कोई असर लक्ष्मी सुरेन पर नहीं हुआ, उल्टे नामांकन के बाद कांग्रेस प्रत्याशी और जगन्नाथपुर के निर्वतमान विधायक सोनाराम सिंकू पर ताबड-तोड़ हमले शुरू कर दी. दूसरी तरफ झामुमो के ही मंगल सिंह बोबेंगा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भर कर झामुमो को परेशान कर दिया है. लक्ष्मी और मंगल सिंह के चुनाव लड़ने से जहां कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
चक्रधरपुर में सुखराम के विजय रथ रोकने में लगे हैं विजय गागराई
चक्रधरपुर विधानसभा में भी कमोवेश जगन्नाथपुर विधानसभा वाली ही स्थिति है. टिकट नहीं मिलने पर झामुमो नेता विजय सिंह गागराई ने नामांकन पर्चा भर दिया है और झामुमो विधायक सुखराम के विजय रथ रोकने के लिए कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं है. विजय सिंह गागाराई खरसावां के झामुमो विधायक दशरथ गागाराई के भाई हैं और चक्रधरपुर में दोनों का अपना वोट बैंक है. विजय सिंह गागाराई को मानकी-मुंडा और आदिवासी संगठनों का का भी पूरा समर्थन है. विजय के तेवर को देखते हुए झामुमो के लिए इस बार राह बिल्कुल भी आसान नहीं है.
मझगांव में विधायक के खिलाफ एंटी इंकम्बैंसी
जगन्नाथपुर और चक्रधरपुर की तरह मझगांव विधानसभा में झामुमो के किसी बागी ने नामांकन तो नहीं किया है, लेकिन विधायक निरल पूर्ति के खिलाफ ही एंटी इंकम्बैंसी जबरदस्त है, लोगों में विधायक के कार्य को लेकर भारी नाराजगी है. नाराजगी झामुमो के समर्पित कार्यकर्ताओँ में ही है,उपर से मझगांव के मानकी-मुंडा ने खुलेतौर पर विधायक का विरोध कर रहे हैं. यहां तक उनके खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन तक पत्र लिख कर नाराजगी जता चुके हैं, कार्यकर्ताओं और मानकी-मुंडा की नाराजगी झामुमो के लिए भारी पड़ सकता है.
बहरहाल, जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदल रहा है. झामुमो का कोल्हान में मजबूत पकड़ थोड़ी ढ़ीली पड़ने लगी है. जिससे एनडीए खेमे में उम्मीद जागने लगी है.