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भाजपा के 12 महिला प्रत्याशियों के बारे में आप कितना जानते हैं ? पढ़िए इस खास रिपोर्ट में

20 अक्टू. 2024

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उपेंद्र गुप्ता

रांची (RANCHI) : झारखंड विधानसभा 2024 के लिए भाजपा ने शनिवार को अपने कोटे के 68 सीटों में से 66 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. सिर्फ बरहेट और टुंडी सीट पर घोषणा बाकी है. भाजपा के टिकट पाने वालों में नेताओं के परिवार को काफी तरजीह मिली है, पत्नी, भाई, बेटा, बेटी और बहू को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है, वहीं 66 प्रत्याशियों में से 12 सीटों पर भाजपा ने महिलाओं को भी टिकट दिया है. जिसमें चार महिला प्रत्याशी पहली बार चुनाव मैदान में उतरेंगी. लेकिन सभी का राजनीतिक पृष्टभूमि रहा है . भाजपा की सभी महिला प्रत्याशी के बारे में एक नजर में .....


  • मीरा मुंडा

पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पहली बार कोल्हान के पोटका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही है. वे लंबे समय से पार्टी से जुडी रही है और समाजिक कार्यों में सक्रिय रही है. पति के साथ वह राजनीतिक के दांव-पेंच को अच्छी तरह समझती है. इसलिए भाजपा ने पोटका के पूर्व विधायक मेनका सरदार का टिकट काट कर मीरा मुंडा को उतारा है.


  • गीता कोड़ा

पूर्व सीएम मधू कोडा की पत्नी गीता कोडा आज की तारीख में किसी पहचान के मोहताज नहीं है, वे जगन्नाथपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक और सिंहभूम से सांसद रह चुकी है. लोकसभा चुनाव से पहले गीता कोड़ा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई और सिंहभूम से चुनाव लड़ी, लेकिन हार गई, इस बार फिर से जगन्नाथपुर से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है.


  • सीता सोरेन

झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन भाजपा ने सामान्य सीट जामताड़ा से मैदान में उतारा है, पहले वे जामा सुरक्षित सीट से तीन बार विधायक रह चुकी है. पारिवारिक विवाद के बाद सीता सोरेन ने लोकसभा चुनाव से पहले झामुमो छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली थी और लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन चुनाव हार गई.


  • पूर्णिमा दास

पूर्व सीएम रघूवर दास और वर्तमान में उडीसा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास पहली बार चुनाव में उतरेंगी. उन्हें राजनीति का कोई अनुभव नहीं है, लेकिन अपने ससुर रघुवर दास के अनुभवों और कार्यों के दम पर ही जनता के बीच जाएंगी. भाजपा ने रघूवर दास के परंपरागत सीट जमशेदपुर पूर्वी सीट से ही पूर्णिमा को टिकट दिया है. यह सीट भाजपा का गढ़ है, इसलिए जीत की पूरी उम्मीद है.


  • नीरा यादव

2014 में पहली बार नीरा यादव कोडरमा से चुनाव लडी और रघुवर सरकार में शिक्षा मंत्री बनीं थी, 2019 में भी जीत हासिल की, अब हैट्रिक जीत के लिए मैदान में है. नीरा यादव बिनोबा भावे विवि से डाक्टरेट की उपाधि हासिल की है और कोडरमा के एक कॉलेजमें बतौर शिक्षिका के रूप में कार्य करती थी.


  • अर्पणा सेन गुप्ता

धनबाद कोयलांचल के लालगढ़ में भगवा झंडा लहराने वाली अर्पणा सेन गुप्ता पर भाजपा इस बार भी भरोसा जताया है. 2019 में अर्पणा ने लाल झंडे को छोड़ कर भगवा झंडा थाम लिया था और निरसा विधानसभा में कमल फूल खिला दिया. वाम नेता स्व0 सुब्रतो सेन गुप्ता का कोयलांचल में काफी दबादबा था, लेकिन उनकी हत्या के बाद उनकी पत्नी अर्पणा सेन गुप्ता ने उनकी जिम्मेवारी संभाली और राजनीति में पति के कार्यों को आगे बढ़ाया. 


  • रागिनी सिंह

धनबाद कोयलांचल के सिंह मेंशन के बारे में पूरे देश में शायद ही कोई होगा जो नहीं जानता होगा. इसी सिंह मेंशन की बहू है रागिनी सिंह. इनके ससुर स्व0 सूर्यदेव सिंह धनबाद के बेताज बादशाह कहे जाते थे. रागिनी के पति संजीव सिंह और सास कुंती सिंह दोनों झरिया से भाजपा की विधायक रह चुके हैं. संजीव सिंह अपने चचेरे भाई की हत्या के आरोप में जेल में होने के कारण रागिनी अपने पति की राजनीतिक विरासत संभाल रही है. 2019 में अपनी चचेरी गोतनी पूर्णिमा सिंह से चुनाव हार गई थी. इस बार फिर से किस्मत आजमा रही हैं.


  • तारा देवी

राज्य की राजनीति में तारा देवी बिल्कुल नया चेहरा और नाम है. जो सिंदरी के भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी हैं. इंद्रजीत महतो लंबे समय बिमार है और अस्पताल में अब भी भर्ती हैं. भाजपा ने उनकी जगह उनकी पत्नी तारा देवी को मैदान में उतारा है.


  • गीता बालमुचू

लोगों के लिए गीता बालमुचू भी नया चेहरा और नाम है, लेकिन कोल्हान में जाना-पहचाना चेहरा और नाम है. चाईबासा नगर पर्षद की अध्यक्ष रह चुकी है और भाजपा की सबसे सक्रिय महिला नेत्री मानी जाती है, समाजिक कार्य में सक्रियता के कारण गांव-गांव में उनकी अच्छी पकड़ है. इसलिए भाजपा उनपर दांव खेला है. लेकिन उनका मुकाबला राज्य के परिवहन मंत्री और तीन बार के विधायक दीपक विरूआ से होगा, जो गीता बालमुचू के लिए थोड़ा कठिन होगा.


  • पुष्पा देवी

लालटेन की रोशनी को बुझा कर कमल खिलाने वाली पुष्पा देवी को भाजपा ने पलामू के छतरपुर सीट से दोबारा मैदान में उतारा है. उनके पति मनोज भुइंया पलामू से राजद के सांसद रह चुके हैं.


  • मंजू देवी

भाजपा ने गिरडीह के जमुआ सुरक्षित सीट से वर्तमान विधायक केदार हाजरा का टिकट काट कर मंजू देवी बड़ा दांव खेला है. मंजू देवी जमुआ के पूर्व विधायक सूकर रविदास की बेटी हैं और 2019 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं. कुछ दिन पहले ही मंजू देवी अपने पूर्व विधायक पिता के साथ भाजपा में शामिल हुई हैं.


  • मुनिया देवी

गिरिडीह का गांडेय विधानसभा इन दिनों राज्य के सबसे चर्चित सीटों में एक है, जहां से सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन कुछ माह पहले उपचुनाव जीत कर विधायक बनीं हैं. इस बार फिर से कल्पना सोरेन मैदान में उतरेंगी और इस बार भाजपा उन्हें घेरने के लिए एक महिला मुनिया देवी को मैदान में उतारा है. मुनिया देवी गिरिडीह जिला परिषद की अध्यक्ष हैं और पहले झामुमो में ही थी. जातीय समीकरण को देखते हुए मुनिया देवी और कल्पना सोरेन के बीच टक्कर बेहद रोमांचक रहने की संभावना है.         

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