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भाजपा महिला मोर्चा  का बड़ा आरोप- कल्पना सोरेन को छोड़, राज्य की कोई भी महिला सुरक्षित नहीं

1 नव. 2024

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TVT NEWS DESK

रांची ( RANCHI) : भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्य की महिलाओं की सुरक्षा और अपराध पर घेरा है. हेमंत सोरेन पर अध्यक्ष आरती सिंह और प्रवक्ता राजिया नाज ने कई आरोप लगाएं हैं. महिला मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन के राज में सिर्फ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ही सुरक्षित हैं, बाकि सभी बहू-बेटियां असुरक्षित हैं. सीएम हेमंत सोरेन को सिर्फ अपने और अपने परिवार की चिंता है. भ्रष्टाचार के आरोप में हेमंत सोरेन जेल गए ,तो पत्नी को उपचुनाव लड़कर विधायक बनवा दिया. का काम किया. झारखंड मुक्ति मोर्चा में और कोई महिलाएं नहीं है. उन्होंने अपनी पार्टी की महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया है. राज्य की महिलाएं उन्हें विधानसभा चुनाव में धक्का मार कर सत्ता से बाहर करने का काम करेंगी.

 

महिला अत्याचार से संबंधित 16,162 केस दर्ज – राफिया नाज

भाजपा प्रवक्ता राफिया नाज कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा, राजद और कांग्रेस गठबंधन की सरकार में राजकीय आदिवासी बेटियों की इज्जत को ताक पर रख दिया गया है. संताल परगना में क्राइम बहुत बढ़ रहा है. बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है. आंकड़ों की बात करें तो जब से झारखंड में इंडी गठबंधन की सरकार आई है, 26 परसेंट अपराध का ग्राफ बढ़ गया है. महिला अत्याचार से संबंधित 16,162 केस दर्ज हैं. 8000 मामलों में तो जांच भी शुरू नहीं हुई है. सरकार पेसा कानून लागू करने में भी विफल रही है. आदिवासी बेटियों की रक्षा भी नहीं कर पाई है. हटिया में एक महिला एसआई को एक ट्रक ने कुचलकर मार दिया था. संताल परगना में बेटियों को डायन बोलकर मारा जा रहा है. डायन बोलकर 35 बेटियों को मार दिया गया है. डायन प्रथा को रोकने संबंधी कानून को भी लागू करने में सरकार भी विफल रही है. अपराधियों को भी सरकार सजा नहीं दिला पाई है. महिला अपराध में 45 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है.


पांच साल में महिला आयोग का नहीं हुआ गठन

उन्होंने कहा राज्य में महिला आयोग तक का गठन नहीं किया गया है. महिलाएं दर दर भटक रही है. सत्ता में आने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की बात भी कही थी, लेकिन नहीं बनाया गया. थाना में किसी महिला के जाने पर उसकी समस्या को सुना तक नहीं जाता है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण आदिवासी बेटी असुरक्षित है. आदिवासियों की आबादी 44% से घटकर 28% हो गई. राज्य के मुखिया सोए हुए हैं. बेटियों को न्याय और इंसाफ नहीं दिला पा रहे हैं. सरकार घुसपैठियों के साथ नजर आ रही है। नहीं तो अब तक बेटियों के साथ अत्याचार करने वाले इन घुसपैठियों को लात मार कर झारखंड से बाहर भगा देती. बेटियों की तस्करी पर भी सरकार लगाम नहीं लगा पाई.

 

 

 

 

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