झारखंड उड़ीसा राज्य को जोड़ने वाले कोयल नदी धानापाली पुलिया के धंसने के बाद पीडब्लूडी विभाग बंद किया आवागमन ग्रामीणों में आक्रोश
16 अक्टू. 2024
2 min read
0
2
0
झारखंड उड़ीसा राज्य को जोड़ने वाले कोयल नदी पर अवस्थित धानापाली पुलिया के धंसने से सिर्फ पैदल यात्रियों की आवाजाही छोड़कर दुपहिया वाहनों का परिचालन बंद है. उल्लेखनीय है की विगत 10 अक्टूबर को प्रशासनिक आदेश के बाद पी डब्लू डी विभाग के द्वारा पुल को बेरिकेड कर बंद किए जाने से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है. ग्रामीणों का आक्रोश रविवार को जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु को भी झेलना पड़ा. उन्होंने मनोहरपुर के एक दिवसीय दौरे के दौरान विधायक उक्त पुल को देखने गए हुए थे. इसकी जानकारी मिलने पर गांव की काफी संख्या में महिलाएं भी मौके पर पहुंच गईं.
विधायक से उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर ही इस पुल पर से आवागमन को पूरी तरह से बंद कर दिया है.हालांकि पुल के धंसने के बाद से यहां से चार पहिया वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद कर दी गई थी. सिर्फ दो पहिया वाहन चलते थे. परंतु उक्त पुल की दयनीय व जर्जर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सिर्फ पैदल यात्रियों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए अब प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर ही पुल से दुपहिया वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया है.जिससे लोगों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ग्रामीण महिलाओं ने इस कार्य को जनविरोधी बताया और प्रशासन के प्रति अपनी घोर नाराजगी व्यक्त की है.
महिलाओं ने विधायक से कहा कि क्षेत्र के लोग मूलतः किसानी कार्य करते हैं. किंतु पुल पर दुपहिया वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है. चूँकि कृषि उत्पाद बिक्री के लिए बाहर भेजना असंभव हो गया है. हमारे लिए प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. पुल गिरेगा तो हमलोग मरेंगे. हमलोग ऐसे भी मर रहे हैं। वैसे भी मर रहे हैं. इसलिए इस पुल को गिरा दीजिए नहीं तो हमलोग गिरा देंगे. यहाँ के लोग पुल बनने से पूर्व में भी नाव से ही अपना काम चलाते थे .अब भी चला लेंगे.लोगों ने कहा कि बरसात में भरी नदी में पुल नहीं गिरा तो अब कैसे गिरेगा और यहां से सिर्फ मोटर साइकिल की आवाजाही होगी तो क्या हो जाएगा.
वहीं लोगों का दर्द सुनकर विधायक सोनाराम सिंकु ने कहा ग्रामीणों के अलावा पत्रकारों से भी कहा कि इस संबंध में जिला के आला अधिकारियों से बात हुई है. दशहरा की छुट्टी की वजह से कार्यालय बंद है. किंतु सोमवार को वह इस संबंध में डीडीसी से बात करेंगे अगर बैरिकेडिंग नहीं हटाया गया तो हम जनता के निर्णय के साथ खड़े रहेंगे. आंदोलन करना होगा तो करेंगे. जरूरत पड़ी तो इस बैरिकेडिंग को भी तोड़ दिया जाएगा.